आप सभी जानते ही होंगे की हमारा पंजाब खेती खलिहानी और लस्सी के लिए मशहूर रहा है लेकिन इसके साथ ही कुछ विडंबनाएं भी पीछले कुछ दशकों में देखी गई है कि कृषि क्षेत्र में जहां पंजाब ने एक ओर तरक्की की है वहीं दूसरी ओर कृषि करने संरचनात्मक तरीकों में कुछ खास बदलाव नहीं आया है बल्कि जागरूकता न हो पाने के कारण कृषि तकनीकों का जो इस्तेमाल हो रहा है वही गलत ढंग से हो रहा है, मेरा यहां आशय रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुध और मात्रा से कहीं ज्यादा प्रयोग से है. ठीक वहीं सिंचाई के लिए जो तरीका आज भी ज्यादातर जगहों पर अपनाया जा रहा है उससे भूजल का स्त्तर कहीं ज्यादा तेजी से नीचे गिर रहा है, हमें अब तक तो इस सच्चाई को जान ही लेना चाहिए की पीने योग्य पानी का भारत के मध्य प्रमुख स्त्रोतों में भू जल ही है जिसका सर्वाधिक प्रयोग बेढंगे तरीके या फिर कह सकते हैं कि पुरातन तरीकों से कृषि क्षेत्रों में किया जा रहा है. सच मानिये मै इसका दोषी कृषकों का नहीं मानता क्यों कि हमारा कृषिगत् ढांचा ही पुरातन है और सरकार द्वारा किए जाने वाले सारे प्रयास शिक्षा और जनसंख्या वृद्धि दर के बढ़ने के कारण कहीं न कहीं असफल हो ही जाते हैं।
ऐसे में जो भूजल दोहन और पीने योग्य पानी की आवश्यकता के बीच तालमेल बिठाने के लिए जागरूकता, इच्छा शक्ति जैसे आादि कई चुनौतियां तो हैं ही साथ ही हमारी सरकारों के द्वारा प्रयास भी हो रहे जिसके लिए हाल ही में लुधियाना में एक कदम उठाया गया .
सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने कहा है कि यूपीए सरकार सभी को शुद्ध और स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। लुधियाना में आज कई जनसभाओं को संबेाधित करते हुए श्री तिवारी ने पंजाब में शुद्ध और स्वच्छ पेय जल उपलब्ध न होने पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होनें ये भी कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिह और यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृतव में यूपीए सरकार का अगला कदम देश में समूची जनसंख्या को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना होगा।
श्री तिवारी ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत राजीव गांधी पेयजल और स्वच्छता मिशन की राशि कई गुना बढ़ा दी गई है। इस मिशन के लिए एक लाख सात हजार पंद्रह करोड़ की राशि निर्धारित की गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन कल्याण के लिए अधिकारों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया है। सूचना के अधिकार, शिक्षा के अधिकार मनरेगा के अंतर्गत रोजगार के अधिकार के बाद अब जनता को अनाज का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू हो जाने से 81 करोड़ से अधिक पात्र नागरिक 3 रुपए की मामूली दर पर 1 किलोग्राम चावल, 2 रुपए की दर पर एक किलो गेहूं और एक रुपए की दर पर मोटा अनाज लेने के हकदार होंगे।