
यहां पीछले सप्ताह से मैंने अलविदा सचिन की गूंज सुनी और वाकई दुख भी हो रहा था कि अब सचिन की वन डे पारीयां देखने को नहीं मिलेंगी लेकिन यह भी है वह पारीयां जो हमने देख रखी हैं वे भूलाये से भी नहीं भूलेंगी।
लेकिन मुझे लगता है कि सचिन अपने खेल से कहीं ज्यादा अपने व्यक्तित्व से लोगो को प्रभावित कर रखा है, देखिये इसे अन्यथा न लें तो इस समय जिस तरह का खेल देखने को मिल रहा है शायद भविष्य में ऐसा हो कि सचिन के रिकार्ड टूट जाएं और वैसे भी रिकार्ड टूटने के लिए ही बनते हैं लेकिन जिस गंभीरता और सौम्यता से सचिन ने अपनी सफलता को संभाला है वह शायद ही फिर कभी दिखे और यही वजह है कि आप और हम सब सचिन को सिर्फ खेल की वजह से ही नहीं उनके व्यक्तित्व के वजह से ज्यादा...