Friday, 22 November 2013

सचिन का खेल और व्यक्तित्व

यहां पीछले सप्ताह से मैंने अलविदा सचिन की गूंज सुनी और वाकई दुख भी हो रहा था कि अब सचिन की वन डे पारीयां देखने को नहीं मिलेंगी लेकिन यह भी है वह पारीयां जो हमने देख रखी हैं वे भूलाये से भी नहीं भूलेंगी। लेकिन मुझे लगता है कि सचिन अपने खेल से कहीं ज्यादा अपने व्यक्तित्व से लोगो को प्रभावित कर रखा है, देखिये इसे अन्यथा न लें तो इस समय जिस तरह का खेल देखने को मिल रहा है शायद भविष्य में ऐसा हो कि सचिन के रिकार्ड टूट जाएं और वैसे भी रिकार्ड टूटने के लिए ही बनते हैं लेकिन जिस गंभीरता और सौम्यता से सचिन ने अपनी सफलता को संभाला है वह शायद ही फिर कभी दिखे और यही वजह है कि आप और हम सब सचिन को सिर्फ खेल की वजह से ही नहीं उनके व्यक्तित्व के वजह से ज्यादा...

Wednesday, 9 October 2013

Media Rolls in India

I am very surprised that Media especially electronic Media is raising issues about Asaram ji (i am adding "Ji" just because of his accusation is still not proven but also it is truth that without fire; smoke can't be produce.) when F.I.R. been lodge and he caught by Police. It is very confusing that you have had all information and evidences which can prove that he is accused and allegation would be right , not legally but enough for meaningful social awareness.  If electronic Media have investigative journalism approach that why it has been disclosed before this F.I.R. When you knew about that because without knowing these things you...

Sunday, 28 July 2013

हमारा पंजाब और कृषिगत् ढांचा

आप सभी जानते ही होंगे की हमारा पंजाब खेती खलिहानी और लस्सी के लिए मशहूर रहा है लेकिन इसके साथ ही कुछ विडंबनाएं भी पीछले कुछ दशकों में देखी गई है कि कृषि क्षेत्र में जहां पंजाब ने एक ओर तरक्की की है वहीं दूसरी ओर कृषि करने संरचनात्मक तरीकों में कुछ खास बदलाव नहीं आया है बल्कि जागरूकता न हो पाने के कारण कृषि तकनीकों का जो इस्तेमाल हो रहा है वही गलत ढंग से हो रहा है, मेरा यहां आशय रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुध और मात्रा से कहीं ज्यादा प्रयोग से है. ठीक वहीं सिंचाई के लिए जो तरीका आज भी ज्यादातर जगहों पर अपनाया जा रहा है उससे भूजल का स्त्तर कहीं ज्यादा तेजी से नीचे गिर रहा है, हमें अब तक तो इस सच्चाई को जान ही लेना चाहिए की पीने योग्य...

यह उन दिनों कि बात हैं

यह उन दिनों कि बात हैं जब मैं नया नया ब्लाग लिखना शुरू किया था, उन्ही ब्लाग में से एक ब्लाग आज आपको प्रषित कर रहा हूं। परंतु गुजारिश के साथ कह रहा हूं की यह मेरी अपनी स्वंय की राय मात्र है और इसे अन्यथा न लेकर परिपक्वता से लें। हमें क्षमा करें यह ब्लाग मैने अपनी बातों को सामने रखने के लिए किया है इससे मुझे किसी को दुःखी करने का कोई इरादा नहीं है भाई मैं तो इतिहास का विद्यार्थी रहा हूं और अक्सर मैं परिस्थितियों को इतिहास से तौलने की कोशिश करता हूंए इससे समय के साथ समाज में आये बदलावों एंव परिस्थितियों को साफ तौर पर समझा जा सकता हैए खैर मेरी राय तो यही है। पहले होता था कि यदि सेना हार जाती या फिर प्रजा पर कोई परेशानी आती थी तो नेतृत्व...

सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए एक मार्ग दर्शक

व्यक्तिगत तौर पर मैं सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए एक मार्ग दर्शक का कार्य करता हूं और आज यही वजह है कि अध्ययन और अध्यापन करते करते किसी भी मुद्दों पर जो देश के प्रति गंभीरता से सोचने की परिपक्वता आयी है वह इसी के कारण है। इसके साथ ही साथ मैं अपने उन सभी गुरूओं और परम मित्रों का धन्यवाद भी देना चाहूंगा की प्रेरणा से मैं अपने सिविल सेवा तैयारी को अब नया आयाम दे पा रहा हूं फिर वह चाहे एक मार्गदर्शक के रूप  में ही क्यों न हो।   देखिये मैं ये बात साफ तौर पर कह देना चाहूंगा कि सिविल सेवा की तैयारी करने की रणनीति एंव विषयों की समझ और उस पर अपने विचार रखने की ताकत बिलकुल अलग पहलू हैं, यहां यदि मात्र सिविल सेवा में सफल होने की बात...

Sunday, 2 June 2013

क्या खेलों में सट्टेबाजी को मान्यता दी जानी चाहिए ?

मैं इसी उधेड़बुन में पीछले कई दिनों से लगा हुआ हूं कि क्या खेलों में सट्टेबाजी को वैधानिक मान्यता दी जानी चाहिए या नहीं ? वास्तव में यह बहुत जटील प्रश्न है क्यों कि मेरा मानना है कि खेलों में जो सबसे बड़ी बात होती है वह है खेल की भावना, जिससे खेल खत्म होने के बाद भी खिलाडि़यों के बीच कोई विद्वेष की भावना शेष नहीं रह जाती और हम एक स्वस्थ प्रतिस्पिर्धा देख पाते हैं। यही एक भावना है जिससे हम अपने को और अपने देश के सम्मान को भी जोड़ कर देखते हैं। यदि खेल भावना की जगह आर्थिक प्रतिस्पर्धा स्थान ले लेगी , जब खिलाड़ी अपने देश और देशवासियों के सम्मान और मनोरंजन के लिए न खेल कर आार्थक वजहों से खेलने लगेंगे तो हमारे खेल से जुड़ाव की वजह ही क्या रह जाएगी...

Saturday, 1 June 2013

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से पहले..

सार्थक आई.ए.एस. लखनऊ, जो कि सिविल सेवा की परीक्षा की कोचिंग होने के नाते हमारे पास ज्यादातर लोग इस परीक्षा की तैयारी के विषय में पूछ-ताछ के लिए आते रहते हैं। अभी तक कई लोगों के द्वारा परामर्श के दौरान पूछे गये प्रश्नों के आधार पर मैं आज सामान्य तौर पर कुछ प्रश्नों एवं उसकी धारणाओं को इस लेख में प्रश्न और उत्तर के रूप में बताना चाहूंगा, यह मेरी व्यक्तिगत राय है आशा करता हूं कि इसे आप समझने प्रयत्न करेंगे.... प्रश्नः सर, मैं आइ.ए.एस तो बनना चाहता हूं, पर मैं इसके बारे में कुछ जानता नहीं हूं ? उत्तरः यह एक सामान्य सी बात है जिसमें कोई घबराने की बात नहीं है, बस मेंरे ख्याल से आपको पहले ये समझ लेना चाहिए की आप आइ.ए.एस. ही क्यों बनना चाहते हैं, कहीं...

Monday, 20 May 2013

ये कहां आ गये हम.........

www.sarthakics.com ये कहां आ गये हम......... जब मैं छोटा था तब कि दुनियां ही पूरी तरह से अलग थी। दोस्तों के दिल में मास्टर साब के डांट का डर, बाबू जी के घूरते आंख का डर, अम्मा के दुलार की आदत, अक्सर खेलने में शाम को देर हो जाने पर बहिनीयां का चोरी छिपे मेरे लिए दरवाजा खोलना जैसी पता नहीं कितनी घटनाए आज भी अनायास की मेरे आंखों के सामने से घूम जाती हैं. उस समय सोचता कि कब बड़ा हूंगा और कब मुझे पिता जी और मास्टर साहब की डांट से आजादी मिलेगी।   पर अब तो जैसे दुनियां ही बदल गई है, जैसे- जैसे बड़ा हुआ समाज में मिली इस स्वतंत्रता ने तो मुझे इतना भ्रमित कर दिया कि बचपन से सिखाया हुआ संस्कार, रिति-रिवाज सब बस बकवास लगने लगा अगर सोच में रह गई तो...

हिंदी को हिंदी बनाने वालों को धन्यवाद !

www.sarthakics.com ueLdkj] dqN fnuksa igys esjh ckr  fe= ds”kosUnz th ls gqbZ tks dh dsjy dSMj ds IAS gS] vkSj www.iashindi.blogspot.in  ds uke ls CykWx Hkh fy[krs gSaSA fganh ek/;e vkSj flfoy lsok ds fy;s lefiZr ;s CykWx buds euksHkko dks Li’V :Ik ls n”kkZrk gS fd ;s fganh ds izfr fdrus T;knk xaHkhj gSaA budk fganh ds izfr tks yxko ,ao iz;kl  gS mllss eq>s Hkh fganh ds izfr lefiZr gksus ds fy, vkSj mtkZ nsus yxk gSA         vr% eSa ds”kosUnz th dk /kU;okn nsus ds lkFk&lkFk eSa mu lHkh iz;klksa o O;fDrRoksa dks c/kkbZ nsuk pkgwWaxk tks Internet ij fganh ek/;e dks c<+kus esa lg;ksx...

Wednesday, 20 March 2013

SARTHAK IAS INTERVIEW 2012

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Sunday, 17 March 2013

Best IAS Coaching in Lucknow

WHO WE ARE SARTHAK ASPIRANTS is the brainchild of its director Mr. R. Mohan, a pass out of Jawaharlal Nehru University (JNU)-Delhi. He got experience of many interviews as well as faculty experience from Delhi based renowned IAS coachings. To make true your dream and fulfill the ambition , he leaved his  gazetted job and set up the IAS coaching in the Land of Nawabs -Lucknow, SARTHAK ASPIRANTS is an effort to enable the dreams of the aspirants for Indian Civil Services. The Myth The Indian Civil Services is probably the most difficult exam. At SARTHAK ICS, we believe that nothing can be farther from the truth. This...

Saturday, 9 March 2013

SARTHAK IAS INTERVIEW 2012

11 candidate been called for UPSC interview -2012 in out of our 20 aspirants...!!!!, Mock interview is going on, Outer candidates may also join our Mock Interview session- 2012 with FREE&nbs...

Sunday, 3 March 2013

SARTHAK ASPIRANTS is the brainchild of its director Mr. R. Mohan, a pass out of Jawaharlal Nehru University (JNU)-Delhi. He got experience of many interviews as well as faculty experience from Delhi based renowned IAS coachings. To make true your dream and fulfill the ambition , he leaved his  gazetted job and set up the IAS coaching in the Land of Nawabs -Lucknow, SARTHAK ASPIRANTS is an effort to enable the dreams of the aspirants for Indian Civil Service...

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